Q.1. बाबा साहेब ने लोकतंत्र में क्या आवश्यक माना ?
उत्तर – बाबा साहेब ने लोकतंत्र में अपने साथियों के प्रति श्रद्धा या सम्मान को आवश्यक माना |
Q.2. लेखक किस विडंबना की बात करते हैं ? विडंबना का स्वरूप क्या है ?
उत्तर – लेखक जिस विडंबना की बात करते हैं वह है जातिवाद |
विडंबना का स्वरूप- कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन चुकि जातिप्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा स्वरूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है |
Q.3. अम्बेडकर के अनुसार जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते है ?
उत्तर – जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में ये तर्क देते हैं की आधुनिक सभ्य समाज में कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन आवश्यक है क्योंकि जाती प्रथा भी श्रम विभाजन का ही रूप है इसलिए यह भी आवश्यक है |
Q.4. जातिवाद के पक्ष में दिए गये तर्क पर लेखक की प्रमुख आपत्ति क्या है ?
उत्तर – यही की श्रम विभाजन श्रमिक विभाजन का भी रूप लिए हुए हैं जो पेशों का दोषपूर्ण निर्धारन करती है और जीवन भर एक ही पेशे में बाँट देती है |
Q.5. जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती ?
उत्तर – क्योंकि जाती मनुस्य के रूची पर आधारित नही होती | अच्छा समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है की व्यक्ति अपना पैसा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके |
Q.6. जातिप्रथा भारत में बेरोज़गारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण क्यों बनी है ?
उत्तर – हिंदू धर्म के जाति प्रथा में किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं है जो उसका पैतृक पेशा नही है |
Q.7. लेखक आज के उधोगों में ग़रीबी और उत्पीरन से भी बड़ी समस्या किसे मानते हैं ?
उत्तर – उस निर्धारित कार्य को जिसे व्यक्ति मजबूरी के साथ टालू काम करते हैं |
Q.8. लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलू से जातिप्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखलाया ?
उत्तर – लेखक ने पाठ में आर्थिक पहलू से, तकनीक के पहलू से और लोकतंत्र के पहलू से हानिकारक प्रथा के रूप में दिखलाया |
Q.9. सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए किन विशेषताओं को आवश्यक माना है ?
उत्तर – लेखक ने समाज मे गतिशीलता को आवश्यक माना जिससे वांछित परिवर्तन भी हर एक समाज तक एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँच सके जिससे एक दूसरे के प्रति रक्षा के लिए सजग रहें |
Q.10. भीमराव अम्बेदकर के प्रसिद्ध भाषन कौन हैं ?
उत्तर – ‘ ऐनिहिलेशन ओफ़ कास्ट ‘