बुरा मेहमान… आज अंतरिक्ष से आ रही आफत, ‘Blue Whale’ से 3 गुना बड़ा पत्थर
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने भविष्यवाणी की है कि आज यानी 6 जून 2022 को अंतरिक्ष से एक बड़ा पत्थर आ रहा है. ये समुद्री ब्लू व्हेल (Blue Whale) से आकार में तीन गुना बड़ा है. ये धरती के बगल से 26 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से निकलने वाला है. आइए जानते हैं कि इससे धरती को किसी तरह का खतरा है? क्या इसकी दिशा बदल सकती है?
इस एस्टेरॉयड को 2021 GT2 (Asteroid 2021 GT2) नाम दिया गया है. नासा की भविष्यवाणी तो यह कहती है कि ये धरती से कोई 35 लाख किलोमीटर दूर से निकल जाएगा. यानी हमारे चांद और धरती के बीच की दूरी से करीब दस गुना ज्यादा डिस्टेंस.
Asteroid 2021 GT2 की खोज पिछले साल हुई थी. यह 121 से 272 फीट चौड़ा है. इसका आकार काफी बड़ा है. अगर यह धरती से टकराता है तो काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. इस एस्टेरॉयड को एटेन-क्लास एस्टेरॉयड (Aten-Class Asteroid) की श्रेणी में रखा गया है. यानी ये सूरज की कक्षा में हर 342 दिन में एक चक्कर लगाता है. दूसरा ये कि इस एस्टेरॉयड की कक्षा धरती की ऑर्बिट से क्रॉस करती है.
वैज्ञानिकों ने इस श्रेणी के यानी एटेन-क्लास एस्टेरॉयड के 1800 से ज्यादा पत्थर खोजे हैं. जिन्हें संभावित तौर पर धरती के लिए खतरा माना जाता है. 6 जून 2022 के बाद अगली बार ये धरती के बगल से 26 जनवरी 2034 को गुजरेगा. तब यह धरती से 1.45 करोड़ किलोमीटर दूर से जाएगा.
एस्टेरॉयड को नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) की श्रेणी में रखा जाता है. खासतौर से वो जो सूरज से 1.3 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट की कक्षा में चक्कर लगाता है. यानी 16 करोड़ किलोमीटर की रेंज तक. नासा लगातार ऐसे एस्टेरॉयड्स पर नजर रखता है. वह एक साथ हजारों एस्टेरॉयड्स की स्टडी कर रहा होता है. ताकि भविष्य में आने वाले खतरों को भांपा जा सके. उनसे बचा जा सके. धरती को बचाया जा सके.
वैज्ञानिक लगातार ऐसे NEO से बचने के लिए तकनीकें और मैकेनिज्म तैयार कर रहे हैं. अगर कभी किसी एस्टेरॉयड से सीधे तौर पर खतरा होता है तो धरती को उससे कैसे बचाया जा सकता है. अगर रास्ते में कोई एस्टेरॉयड दूसरे एस्टेरॉयड्स या ग्रह से टकराता है तो भी वह अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर कचरा पैदा करेगा, जो धरती के लिए खतरा बन सकता है. या फिर उसके चारों तरफ घूम रहे सैटेलाइट्स के लिए.
इस आकार के एस्टेरॉयड की धरती से टकराने की संभावना 6 लाख साल में एक बार होती है. किस्मत की बात ये है कि नासा ने हाल ही में DART मिशन लॉन्च किया है. इसमें एक स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा और गति बदलने का प्रयास किया जाएगा. अगर यह मिशन सफल होता है तो भविष्य में धरती को एस्टेरॉयड के हमलों से बचाया जा सकेगा.