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दही वाली मगम्मा VVI Questions  | दही वाली मगम्मा Subjective Question

दही वाली मगम्मा VVI Questions 

 

Q.1. रंगप्पा कौन था और वह मगम्मा से क्या चाहता था ?

उत्तर – रंगप्पा मगम्मा के गाँव का एक बुरा व्यक्ति था जिसकी कई ग़लत आदत थी जैसे जुआ खेलना आदि | वह मगम्मा से पैसे लेना चाहता था वह क़र्ज़ के रूप में पैसा माँग रहा था लेकिन लौटाने की नियत नही थी| क्योंकि उसने खुद कहा था की तेरा बेटा साथ रहता तो मै पैसा नहीं माँगता, पर अब ऐसी बात तो है नहीं |

 

Q.2. बहु ने सास को मनाने के लिए कौन सा तरीक़ा अपनाया ?

उत्तर – बहु और सास में विवाद बच्चे को लेकर था इसलिए बहु ने सास को मनाने के लिए पहले अपने बच्चे को सास के पास भेजा, फिर धीरे धीरे खुद भी चली गयी और मीठी मीठी बातों से सास को मना लिया |

 

Q.3. ‘दही वाली मगम्मा’ कहानी का कथावाचक कौन है ? उसका वर्णन कीजिए |

उत्तर – इस कहानी का कथावाचक श्री निवास जी हैं | इसका पूरा नाम वेंकटेश अय्यंगार है | इनका जन्म 6 जून 1891 में कोलार, कर्नाटक में हुआ था | इनका मृत्यु हो चुका है | वे कन्नड़ साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों में से एक हैं | उन्होंने कविता, नाटक, आलोचना, जीवन चरित्र आदि साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया है|1968 में इनको साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया है | इन्होंने ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्राप्त किया |

Q.4. मगम्मा का चरित्र वर्णन कीजिए |

उत्तर- मगम्मा अपना काम काज कर घर चलाने वाली एक साहसी औरत है | वह गाँव से दूर दही बेचने जाती है और पैसा,प्यार और उमीद के साथ घर आती है लेकिन जिस उमीद से घर आती है उस तरह से उसको प्यार नही मिल पाती है  जिससे उसकी उमीद टूट जाती है | मगम्मा का पती जवानी में ही मार गए थे जिससे उसका भी दुःख उसको झेलना पड़ा | मगम्मा जिसके यहाँ दही बेचती है उस माल्किन से उसे घनिष्ट जान पहचान हो जाती है जो उसको ज़िंदगी जीने का रास्ता दिखलाती है | वह अपने पोते से बहुत प्यार करती है लेकिन जब उसको प्यार नही मिलती है तो वह अपनत्व त्याग देती है लेकिन फिर जब बहु-बेटे से प्यार मिलने लगता है तो फिर साथ में रहने लगती है और अपनी अच्छी ज़िंदगी बिताती है |

 

Q.5. मगम्मा अपने बेटे से क्यों अलग हो जाती है ?

उत्तर- मगम्मा अपने पोते से बहुत प्यार करती थी, जब उसकी बहु अपने बेटे को मारती है तो वह ग़ुस्सा हो जाती है और बहु को डाँटने लगती है, बहु अपने बेटे पर अधिकार जमाती है | मगम्मा का बेटा भी बहु का ही साथ देता है और मगम्मा को बुरा-भला  कह देता है , जिसके कारण वह अप्न्त्त्व को त्याग कर अपने बेटे से अलग हो जाती है  |

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