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भारत से हम क्या सीखें Bseb Objective Question | Bseb 10th Hindi Objective Question

(1). विश्व विख्यात विद्वान फ्रेहूरिक मैक्समूलर का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर वर्तमान जर्मनी के डेसाउ नामक नगर में।

(2). मैक्समूलर के पिता का नाम क्या था ?

उत्तर: विल्हेल्म मूलर

(3). मैक्समूलर ने किन उपनिषदों का अनुबाद जर्मन भाषा में किया ?

उत्तर : ‘कठ’ और ‘केन’

(4). मैक्समूलर ने सभ्यता का मूल स्रोत किसे माना है?

उत्तर वैदिक तत्त्व ज्ञान को ।

(5) प्रस्तुत कहानी ‘भारत से हम क्या सीखें’ में लेखक ने भारत के किस रूप का वर्णन किया है ?

उत्तर : प्राचीनता और विलक्षणता का।

(6). लेखक के अनुसार सर्वविध सम्पदा और प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण देश कौन-सा है ?

उत्तर : भारत ।

(7). लेखक के अनुसार सच्चे भारत का दर्शन कहाँ हो सकता है ?

उत्तर : भारत के गाँवों में।

(8). भू-विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए भारत किस प्रकार मददगार हो सकता है ?

उत्तर हिमालय से श्रीलंका तक के विशाल भू-प्रदेश को दिखाकर

(9). वनस्पति वैज्ञानिकों को किस तरह की वनस्पति अपनी ओर आकृष्ट करती है ?

उत्तर : हकर्स जैसी वनस्पति ।

(10). नृवंश विद्या किसे कहते हैं?

उत्तर : मानव मनोविज्ञान को।

(11). लेखक भारत में अपने आपको कैसा पाते हैं?

उत्तर: लेखक भारत में अपने आपको अत्यन्त प्राचीन और सुदूर भविष्य के बीच खड़ा पाते हैं।

(1). समस्त भूमंडल में सर्वविद् सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है।” लेखक में ऐसा क्यों कहा है ?

उत्तर : ‘समस्त धूमंडल में सर्वविद सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है। लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है कि यहाँ सब कुछ है, यहाँ सभी तरह के लोगों की जिज्ञासा की शान्ति के लिए हर चीज मौजूद है। लेखक जो कुछ देखना चाहते हैं, वह उसे भारत में ही मिल जाता है।

(2). लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत का दर्शन कहाँ हो सकता है और क्यों ?

उत्तर: लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत का दर्शन भारत के गाँवों में हो सकता है क्योंकि यहाँ प्राकृतिक सुषमा विराजमान है। शहरों में तो प्रकृति का विनाश हो गया यहाँ तो चारों तरफ कृत्रिमता का साम्राज्य है। गाँवों में ही कृष्ण की छवि के साथ-साथ सुबह की गुनगुनाहट और शाम की लोरी व्याप्त है।

(3). भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता किनके लिए वांछनीय है और क्यों ?

उत्तर: भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता यूरोपियनों के लिए वांछनीय है क्योंकि उन लोगों ने इसकी प्राकृतिक सुषमा और आर्थिक सम्पदा को भोगने और लूटने की वस्तु समझा और इसे बर्बाद किया।

(4). लेखक ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरुचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है ?

उत्तर लेखक ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में, भू-विज्ञान के क्षेत्र में, वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में जीव विज्ञान के क्षेत्र में मानव विज्ञान के क्षेत्र में पुरातत्त्व के क्षेत्र में, भाषा विज्ञान के क्षेत्र में साहित्य के क्षेत्र में, इतिहास इत्यादि क्षेत्रों में अभिरुचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है।

(5). लेखक ने वारेन हेस्टिग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है। और क्यों?

उत्तर : लेखक ने वारेन हेस्टिग्स से संबंधित उस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है जिसमें वह जब भारत का गवर्नर जनरल था तो उसे वाराणसी के पास 172 दारिस नामक सोने के सिक्कों से भरा एक पड़ा मिला था। उसने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल को दे दिया। उसने समझा कि ईस्ट कंपनी इस अमूल्य तोहफे से खुश होकर उसे उदार व्यक्ति समझेगा परन्तु ऐसा नहीं हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसके ऐतिहासिक (पुरातात्विक) महत्व को नहीं समझा और उसे मात्र सोना समझ कर गला दिया। लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है कि ये हम भारतीयों को अपनी पाती बचाने की सलाह देना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम अपने देश को समझे और इससे प्रेम करें।

(6). लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है ?

उत्तर : लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में भारतीय अवदान को नवजीवन के संचार के रूप में रेखांकित किया है। ये कहते हैं कि भारत के कारण ही समय-समय पर नानाविध साधनों और भागों द्वारा अनेक नीति कथाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर आती रही हैं। उदाहरणस्वरूप ‘शेर की खाल में गधा’, ‘न्योले’ या ‘चूहे’ की कथा इत्यादि ।

(7). भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण लेखक ने क्या दिखाए हैं ?

उत्तर: भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण के तौर पर लेखक ने बाइबल में उल्लिखित हाथी दाँत, बन्दर, मोर और चन्दन आदि वस्तुओं के ओफिर से निर्यात के संदर्भ में संस्कृत के शब्दों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि ये वस्तुएँ भारत के सिवा किसी अन्य देश से नहीं लाई जा सकती हैं। ‘शाहनामा’ के रचनाकाल दसवीं ग्यारहवीं सदी में भी भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक सम्बन्ध थे।

(8). भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है ? स्पष्ट करें।

उत्तर : भारत की ग्राम पंचायतों को प्राचीन युग के कानून के रूपों के बारे में कानून के विद्यार्थी के लिए महत्त्वपूर्ण बतलाया है। ये कहते हैं कि भारत में प्राचीन स्थानीय शासन प्रणाली या पंचायत प्रथा को समझने-समझाने का बहुत बड़ा क्षेत्र विद्यमान है।

(9). धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है ?

उत्तर:- धर्मो की दृष्टि से भी भारत का स्थान बहुत महत्त्वपूर्ण है। यहाँ धर्म के वास्तविक उद्भव, उसके प्राकृतिक विकास तथा उसके अपरिहार्य श्रीयमाण रूप का प्रत्यक्ष परिचय मिल सकता है। भारत ब्राह्मण या वैदिक धर्म की भूमि है, बौद्ध धर्म की यह जन्मभूमि है, पारसियों के जरनुष्ट धर्म की यह शरणस्थली है। आज भी यहाँ नित्य नए मत-मतान्तर प्रकट व विकसित होते रहते हैं।

(10). भारत किस तरह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है ? स्पष्ट करें।

उत्तर : भारत अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है। यहाँ ऐसी भी चीजें मिलती हैं। जो किसी पुरातन विश्व में ही सुलभ हो सकते हैं। यहाँ वर्तमान और भविष्य की समस्या चाहे लोकप्रिय समस्या से सम्बद्ध हो, या उच्च शिक्षा, चाहे संसद में प्रतिनिधित्व की बात हो अथवा कानून बनाने की बात हो, चाहे प्रवास संबंधी कानून हो अथवा कुछ सीखने या सिखाने जैसी बात हो यहाँ सब उपलब्ध है।

(11). मैक्समूलर ने संस्कृत की कौन-सी विशेषताएँ और महत्त्व बतलाए हैं ?

उत्तर:- मैक्समूलर ने कहा है कि संस्कृत सारभूत रूप से यही है जो ग्रीक, लैटिन या एंग्लो सेक्सन भाषाएँ हैं। वे कहते हैं कि अगर हम सिर्फ संस्कृत ही सीखते तो भी यह हमें इतना सिखा देती जितना दूसरी कोई भी भाषा कभी न सिखा पाती। उन्होंने कहा है कि यह भाषा तीन हजार से भी लम्बे काल तक फैली हुई है।

 

(12). लेखक वास्तविक इतिहास किसे मानता है और क्यों?

उत्तर: लेखक वास्तविक इतिहास संस्कृत भाषा को मानते हैं क्योंकि वे यह मानते हैं कि यह एक ऐसा इतिहास है जो राज्यों के दुराचारों और अनेक जातियों की क्रूरताओं की अपेक्षा अधिक ज्ञातव्य और पठनीय है। इससे मानव जाति के बारे में हमारे विचार व्यापक और उदार ही नहीं बने हैं तथा लाखों-करोड़ों अजनबियों तथा दुश्मनों को भी गले लगाना ही नहीं सिखाया अपितु मानव जाति के सम्पूर्ण इतिहास को एक वास्तविक रूप में प्रकट कर दिखाया है जो पहले नहीं हो पाया था।

(13). लेखक ने भारत के लिए नवागंतुक अधिकारियों को किसकी तरह सपने देखने के लिए प्रेरित किया है ?

उत्तर : लेखक ने भारत के लिए नवागंतुक अधिकारियों को सर विलियम जोन्स की तरह सपने देखने के लिए प्रेरित किया है क्योंकि ऐसे स्वप्नदर्शी ही यह समझ सकते हैं कि अपने स्वप्नों को साकार और अपनी कल्पनाओं को वास्तविकता में परिणत कैसे किया जा सकता है।

(14). संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत को प्रमुख लाभ क्या-क्या हुए ?

उत्तर : संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत को प्रमुख लाभ ये हुए हैं कि ये इतिहास, राजनीति विज्ञान, भाषा विज्ञान, विधिसंहिता, धर्म इत्यादि को जान पाए हैं। वे यह जान पाए हैं कि अगर किसी तरह की शिक्षा उन्हें चाहिए तो भारत उसके लिए पर्याप्त है।

(15). लेखक ने नया सिकन्दर किसे कहा है? ऐसा कहना क्या उचित है? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: लेखक ने नया सिकन्दर उसे कहा है जो आज भी भारत विजय का स्वप्न देखते हैं। लेखक का ऐसा कहना सर्वथा उचित है।

लेखक का ऐसा कहने का अभिप्राय है कि यद्यपि भारत को लुटेरों ने बहुत लूटा, यहाँ की सम्पदा को ढोया तथा गौरवों का विनाश किया। फिर भी यह अपने आप में इतना समृद्ध है कि आज भी यह सामर्थ्यवान है। आज भी यहाँ बहुत कुछ है सीखने और प्राप्त करने को।

 

(16). भारत से हम क्या सीखें’ शीर्षक कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

उत्तर:- भारत से हम क्या शीर्षक कहानी उस भाषण का अनुवाद है जिसे लेखक ने भारतीय सिविल सेवा हेतु चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों के आगमन के अवसर पर संबोधन के लिए लिखा था। इसमें उन्होंने बताया है कि विश्व की सभ्यता भारत से बहुत कुछ सीखती और ग्रहण करती आई है। उन्होंने भारत को हर तरह से परिपूर्ण देश कहा है। वे कहते हैं कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग देखना है तो वह भारत है। उन्हें यहाँ के गाँव तो और आकृष्ट करते हैं।

वे कहते हैं कि अगर किसी को कुछ भी सीखना है तो वह भारत में सीख सकता क्योंकि पर्याप्त अवसर वहाँ मौजूद हैं। यहाँ जितनी विभिन्नताएँ वह कहीं और संभव नहीं है। चाहे वह यहाँ की भाषा हो, लोग हों, धर्म हो, जीने ढंग हो या प्राकृतिक भू-खंड। यहाँ हिमालय से कन्याकुमारी तक की यात्रा करने में प्रकृति के हर रंग दिखाई पड़ जाते हैं।

यहाँ की हर चीज़ अद्भुत है। यहाँ की भाषाएँ भी अद्भुत हैं। सिर्फ संस्कृत भाषा ही अपने आप में बहुत महत्त्व रखती है। अकेले संस्कृत भाषा ही सब पर भारी है। यह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ने की क्षमता रखती है।

अंत में यह कहानी हमें यह बताती है कि भारत ने तो अपने दुश्मनों को भी गले लगाया है। लेकिन दुश्मनों ने इन्हें बहुत लूटा है। इसके बावजूद यह अभी भी समृद्ध है। यह कहानी हमें बताती है कि हमारा देश बहुत अच्छा है। इसके जैसा दूसरा नहीं है। हमें अपने देश से प्यार करना चाहिए।

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